पोटलीवाले गणेश मंदिर पर गणेश यज्ञ

स्वाहाकार  की मंगल ध्वनि से गूंज उठा समूचा क्षेत्र

इंदौर। तिल चतुर्थी के उपलक्ष्य में आज जूनी इंदौर चंद्रभागा स्थित प्राचीन पोटलीवाले रिद्धि-सिद्धि चिंतामण गणपति मंदिर परिसर में आज सर्वमंगल की कामना से ओंकारेश्वर के आचार्य पं. लोकेश अत्रे एवं पं. विश्वजीत के निर्देशन में 21 युगलों ने गणेश यज्ञ में आहुतियां समर्पित की.

गणेशजी को प्रिय मोदक एवं तिल के लडडुओं तथा अन्य व्यंजनों के साथ शास्त्रों में वर्णित औषधियों से डाली गई आहुतियों से जहां समूचा क्षेत्र स्वाहाकार से गूंजता रहा, वहीं यज्ञ समिधा की सुगंध ने भी भक्तों को सम्मोहित बनाएं रखा। लगभग सात घंटे चले इस अनुष्ठान के साक्षी बनने के लिए भी भक्तों में दिन भर होड़ लगी रही.

मंदिर के पुजारी पं. गणेशप्रसाद पुराणिक एवं पं. दीपेश-मयंक पुराणिक ने बताया कि सुबह गणेश यज्ञ के पूर्व अभिषेक एवं पूजन किया गया तथा बाद में आहुतियों का क्रम प्रारंभ हुआ, जो लगभग 7 घंटे चला। इस बीच स्वर्ण मंडित सिंहासन पर विराजित गणेशजी के दर्शनों के लिए भी भक्तों का तांता लगा रहा।

महाआरती के बाद भक्तों को तिल-गुड़ के लड्डुओं का प्रसाद वितरण किया गया. उल्लेखनीय है कि गत 27 अक्टूबर 2018 को गणेशजी को स्वर्ण सिंहासन पर विराजित करने के बाद मंदिर में यह पहला दिव्य अनुष्ठान था। मंदिर के गर्भगृह में 5 बाय 5 वर्गफुट आकार का गणेश यंत्र भी अगले माह स्थापित किया जाएगा जिसका निर्माण उज्जैन में हो रहा है।

फिलहाल यह यंत्र ताम्रपत्र पर बनाया जा रहा है, बाद में इसे भी स्वर्णमंडित किया जाएगा. इसी तरह स्वर्णमंडित सिंहासन की पृष्ठभूमि को रजतमंडित करने और गर्भगृह की छत पर स्वर्ण मंडित श्रीयंत्र स्थापित करने की योजना भी है। उड़ीसा के वे कारीगर भी यहां पिछले 5 वर्षों से मंदिर के नवीनीकरण का काम कर रहे हैं, जिन्होंने यहां खंडवा रोड़ पर  स्वामी नारायण मंदिर का निर्माण कार्य किया है। 

Leave a Comment